हरियाली धरती
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हरे पेड़ों को कभी न काटें,
पेड़ पौधे खूब लगायें।सुंदर और आकर्षक हो वसुधा हमारी,
आओ सब मिलकर इसे खूब सजाएं।।
हर कस्बे और नगर-शहर में,
वृक्ष खूब हंसे और मुस्करायें।आने -जाने वाले राही और पक्षी,
बैठ कर आनंदित हो जायें।।
सर्वत्र हरी भरी हो धरती हमारी,
सुखद वातावरण बनायें।जीव - जंतु सभी निर्भय हों,
सब मधुर स्नेह बरसायें।।
वसुंधरा पर खिलें रंग बिरंगे फूल,
मन को सदा गुदगुदायें।।रहे निर्मल सदा गगन-धरा,
सलिल-समीर बारंबार महकायें।।
प्रस्तुति -- राजीव थपलियाल
सहायक अध्यापक गणित
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय
सुखरौ देवी कोटद्वार
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड।
मोबाइल--7500803263

वाह क्या बात है!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteधन्यवाद जी।
ReplyDeleteशिक्षा वाहिनी पत्रिका में स्थान
ReplyDeleteदेने के लिए आपका कोटि-कोटि धन्यवाद