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Tuesday, 30 June 2020

ऑन लाइन ई पत्रिका शिक्षा वाहिनी में पढ़िए रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड से एक बेहतरीन शिक्षिका नीलम बिष्ट जी की रचना नन्हा बचपन

*नन्हा सा बचपन* 


वो मेरा नन्हा सा,बचपन
और बचपन का ,वो चाँद सुहाना।
चाँद की प्यारी सी ,चाँदनी में,
टिमटिमाते तारों का नहाना।
बचपन का...वो चाँद सुहाना।


वो मेरा नन्हा सा बचपन
और बचपन के वो, खेल निराले।
वो गुड्डे-गुडिय़ा की शादी,
कभी आँख-मिचौली,कभी छुपन-छुपाई।
बडे दिनों में,याद हैं आये,
जो हमसे अब हो गये अंजाने।
बचपन के वो खेल निराले।


वो मेरा नन्हा सा बचपन,
गर्मी की छुट्टियां और नानी घर जाना।
दिन-भर मस्ती ,धुमा-चौकडी।
भाई-बहन संग हंसना-गाना।
कभी रुस जाना, कभी मनाना।
मेरी यादों का वो अनमोल खजाना।
वो मेरा नन्हा सा बचपन.....
और उस बचपन का,ये ....ख्वाब निराला।
ख्वाब निराला....


       *नीलम बिष्ट*        

*सहायक अध्यापिका*
 *रा.प्रा.विद्यालय रामपुर*
 *विकासखंड-अगस्त्यमुनि*
 *जिला-रुद्रप्रयाग*
 *राज्य-उत्तराखंड*

Monday, 22 June 2020

पढ़िए पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के बेहतरीन अध्यापक राजीव थपलियाल जी की प्रकृति को समर्पित कविता "हरियाली धरती"


हरियाली धरती   
  .

हरे पेड़ों को कभी न काटें,
पेड़ पौधे खूब लगायें।सुंदर और आकर्षक हो वसुधा हमारी,
आओ सब मिलकर इसे खूब सजाएं।। 


हर कस्बे और नगर-शहर में,
वृक्ष खूब हंसे और मुस्करायें।आने -जाने वाले राही और पक्षी,
बैठ कर आनंदित हो जायें।।


 सर्वत्र हरी भरी हो धरती हमारी,
सुखद वातावरण बनायें।जीव - जंतु सभी निर्भय हों,
सब मधुर स्नेह बरसायें।। 


वसुंधरा पर खिलें रंग बिरंगे फूल,
मन को सदा गुदगुदायें।।रहे निर्मल सदा गगन-धरा,
सलिल-समीर बारंबार महकायें।।




प्रस्तुति -- राजीव  थपलियाल
सहायक अध्यापक गणित
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय
सुखरौ देवी कोटद्वार
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड।
मोबाइल--7500803263

Friday, 19 June 2020

नवोदय क्रांति परिवार भारत लाया है देश भर के शिक्षकों के लिए योग प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता 2020 आप भी परखिए अपना योग ज्ञान।




अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 के उपलक्ष्य पर नवोदय क्रांति परिवार आयोजित कर रहा है ऑन लाइन योग प्रश्नोत्तरी।

सभी अध्यापक इसमें हिस्सा ले सकते हैं। 60% से अधिक अंक पाने वाले सभी अध्यापकों को नवोदय क्रांति परिवार भारत की ओर से जरी किया जाएगा प्रमाण पत्र।

आप भी जरूर चेक करें अपना योग ज्ञान।
प्रतियोगिता में प्रतिभागिता का लिंक नीचे दिया गया है...

पूरी जानकारी के लिए पढ़ें...


*21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस* पर *नवोदय क्रांति परिवार भारत*  योग के प्रति जागरूकता  अभियान के तहत सभी शिक्षकों के लिए लेकर आया है  *ऑनलाइन योगा प्रश्नोत्तरी*
आप आज सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक (20जून 2020) नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसमें भाग ले सकते हैं. अपनी डिटेल्स English में भरें. 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों  को कल *योगा डे* के अवसर पर  *Certificate Of Completion* जारी किया जाएगा.
 https://forms.gle/NnAsVzS9K6bYnh3k7

*आशा है कि आप सपरिवार नियमित योगाभ्यास कर रहे होंगे*

*घर पर रहें*   *योग करते रहें*   *स्वस्थ रहें*

*सबके लिए सरकारी शिक्षा बेहतर हो हमारी शिक्षा*

धन्यवाद

जय हिन्द.

अगर आपके स्कूल में भी किचन गार्डन या हर्बल गार्डन है तो Educational innovations bank (Inshodh) or Gujarat Grassroots Innovations Augmentation Network प्रदान करेगा रम्परागत सब्जियों के दुर्लभ बीज|

किचन गार्डन 


किचन गार्डन 
आज के आधुनिक युग में मिलावट एक आम बात हो गई है| जिस ओर देखो हर चीज के परम्परागत स्वरूप से छेड़छाड़ का प्रयास किया जाता है| पशुओं की नस्ल हो, सब्जियों की नस्ल हो या फिर कुछ और लेकिन इससे इनका परम्परागत स्वरूप आज खतरे में पड़ गया है| 

ऐसे में देश भर के उन सभी विद्यालयों को जिनमें किचन गार्डन या औषध बाग़ मौजूद है| यानि जिन विद्यालयों में विद्यालय के आंगन के किसी कौने में औषधीय पोधे या साग सब्जी इत्यादि लगाई गई है उन्हें  Educational innovations bank (Inshodh) or Gujarat Grassroots Innovations Augmentation Network के द्वारा मुफ्त में परम्परागत साग सब्जियों के बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं| 
  
अध्यापकों को यह बीज किट डाक के माध्यम से उनके दिए पते पर संस्था द्वारा पहुंचाया जायेगा| जिसे अध्यापक अपने विद्यालय में या फिर लॉक डाउन के चलते घर की छत,और खेत में उगा सकते हैं| ऐसा करके वे इन बीजों के देश भर में प्रसार में अपना योगदान दे सकते हैं| 

परम्परिक बीज अपनी सात्विकता के लिए जाने जाते हैं| लेकिन जब से इनका प्रचलन कम हुआ है हमारे भोजन से सात्विकता भी चली गई है| यह प्रयास इस दिशा में भी एक महत्त्पूर्ण कदम होगा|  


अधिक जानकारी के लिए पढ़ें 


विद्यालय में उगी साग सब्जियां 
*Educational innovations bank (Inshodh) or Gujarat Grassroots Innovations Augmentation Network* साथ मिलके जिस शाला में किचन गार्डन या औषध बाग बनाया है उस शाला को हमारी तरफ से *फ्री में देसी शाक भाजी के बीज* दिए जाएंगे जिसको आपको अपनी शाला के किचन गार्डन, घर में या अपने खेत में लगाना है। 

*पद्म श्री अनिल गुप्ता* के साथ किचन गार्डन पर वेबिनार का आयोजन करेंगे। 

हर महीने जिस शाला ने अच्छा परफॉर्म किया है उसे हमारी तरफ से रेंक एवम् प्रोत्साहित किया जाएगा। अंत में सभी शाला को पद्म श्री अनिल गुप्ता द्वारा प्रतिभागिता प्रमाण पत्र  दिया जाएगा।

किसानों द्वारा देसी शाक भाजी बीज का फैलाव और उसका फीडबैक, शाला के बच्चे विभिन्न शाक भाजी के बारे में सिख सके। आप इसे को मध्याह्न भोजन में इस्तमाल कर सकते हो एवम् इस बीज को अगले साल के लिए स्टोर कर सकते हो ।





डाक के माध्यम से मिलने वाली सब्जियों की सूचि:- 


लौकी
लाल सेम फली (वालोड) 
बैंगन
चवली
टमाटर
तोरई
कंकोड़ा
सफेद सेम फली (वालोड़)
भिंडी
गीलके
अरहर
वाल 




Padam Shri Dr. Anil K Gupta

Dr. Anil K Gupta is a visiting faculty at the Centre for Management in Agriculture, Indian Institute of Management, Ahmedabad & Indian Institute of Technology,Bombay. He is also the founder of Honey Bee Network, SRISTI, NIF & GIAN. Ph.D. (Management), Kurukshetra University India, MSc. Biochemical Genetics 1974 Haryana Agricultural University, Hisar. Fellow, National Academy of Agricultural Sciences; Fellow, the World Academy of Art and Science, California 2001.

युद्धवीर टण्डन (स्टेट अवार्डी)
                                                                                                                            
7807223683


yudhveertandon24@gmail.com


कनिष्ठ अध्यापक राजकीय प्राथमिक पाठशाला अनोगा
गावँ तेलका डाकघर मौड़ा तहसील सलूणी जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश 

176312

जय हिन्द...

Wednesday, 17 June 2020

पढ़िए जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश के बेहतरीन युवा शिक्षक किरण कुमार की शिक्षा पर लिखी सुंदर व सारगर्भित कविता|

शिक्षा 


शिक्षा शब्द है, महत्वपूर्ण,
 इसमें छिपा है, महत्वपूर्ण,
 विकास इसी से, होता सबका,
 वंचित इससे बड़ा तबका।


 इसके बिना,विकास ना होता,
 बिना इसके, हर कोई रोता,
 अर्थ शिक्षा का,बड़ा है विस्तृत,
 पढ़ने लिखने तक, नहीं सीमित।


 संपूर्ण मनुष्य,को है बनाती,
 प्रबल उसको है, कर जाती,
आत्मनिर्भर है बना पाती,
 वही तो शिक्षा कहलाती।


 संस्कारित मनुष्य को,जो करते दे,
परिवर्तन पशुता में,वह कर दे,
आत्म प्रेरणा से,वह भर दे,
बहुत अर्थ यह शिक्षा दे।


 वास्तव में,जो शिक्षित होगा,
 जीवन में प्रशिक्षित होगा,
 करेगा कल्याण, स्वयं का,
 साथ ही कर देगा,जन-जन का|


 ऐसा हथियार मित्रों शिक्षा,
 जो इसको प्रयोग करेगा,
 क्रांति आएगी स्वयं जीवन में,
 कृतार्थ स्वयं को करेगा।।



 किरन कुमार,चम्बा,हि.प्र.